उत्तर : शुक्र को वीर्य भी कहते हैं। वीर्य का अर्थ होता है ऊर्जा और शुक्र ऊर्जावान, मलरहित, सर्वशुद्ध होता है, इसीलिए इसे वीर्य नाम दिया गया है। वीर्य में नया शरीर पैदा करने की शक्ति होती है, इसलिए भी इस धातु को वीर्य कहा गया है। शुद्ध और दोषरहित वीर्य से अच्छी संतान पैदा होती है। शुक्रल द्रव का लगभग 30 प्रतिशत भाग पौरुष ग्रंथि से निकलने वाले स्वच्छ स्राव से और 70 प्रतिशत भाग शुक्राशय ग्रंथि से निकलने वाला होता है, जो मिलकर शुक्रलद्रव बनता है। यही द्रव स्खलन के समय शिश्न से बाहर निकलता है। महिलाओ के अन्दर वीर्य नहीं बनता है जब महिला चरमोत्कर्ष पर पहुचती है तो उसके योनी वाले भाग से एक चिपचिपा द्रव्य अवश्य निकलता है लेकिन वह वीर्य नहीं होता है
Wednesday 21 March 2012
वीर्य क्या है, कैसे बनता है और शरीर में कहाँ रहता है महिला अथ्वा औरत का वीर्य , virya kya hai, kaise banta hai aur sharir main kahan rahta hai oorat athva estri ka veerya
उत्तर : शुक्र को वीर्य भी कहते हैं। वीर्य का अर्थ होता है ऊर्जा और शुक्र ऊर्जावान, मलरहित, सर्वशुद्ध होता है, इसीलिए इसे वीर्य नाम दिया गया है। वीर्य में नया शरीर पैदा करने की शक्ति होती है, इसलिए भी इस धातु को वीर्य कहा गया है। शुद्ध और दोषरहित वीर्य से अच्छी संतान पैदा होती है। शुक्रल द्रव का लगभग 30 प्रतिशत भाग पौरुष ग्रंथि से निकलने वाले स्वच्छ स्राव से और 70 प्रतिशत भाग शुक्राशय ग्रंथि से निकलने वाला होता है, जो मिलकर शुक्रलद्रव बनता है। यही द्रव स्खलन के समय शिश्न से बाहर निकलता है। महिलाओ के अन्दर वीर्य नहीं बनता है जब महिला चरमोत्कर्ष पर पहुचती है तो उसके योनी वाले भाग से एक चिपचिपा द्रव्य अवश्य निकलता है लेकिन वह वीर्य नहीं होता है
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