स्त्री अपनी योनि को हिलाना या रगड़ना शुरू करती है खासतौर पे वे अपने भगशिश्न को अपनी पहली या मध्यम अंगुली से हिलाती है
कभी कभी योनि के अन्दर १ या ज्यादा अंगुलिया डालकर उस हिस्से को हिलाना शुरू करती है। जिस स्थान पर जी बिन्दु या जी स्पाट होता है इसके लिए वे वाइब्रेटर,डिल्डो या बेन वा गेंदों का सहारा भी लेती है
,बहुत सी महिलाए इसके साथ साथ अपने वक्षो को भी रगड़ती है ,कुछ महिलाए गुदा को भी उत्तेजित करती है, कचु इसके लिए चिकनाई का प्रयोग करती है लेकिन बहुत सी महिलाए प्राक्रतिक चिकनाई को ही काफी समझती है
कुछ महिलाए केवल विचार और सोच मात्र कर के ही मदनोत्कर्श तक पहुँच जाती है ,
कुछ महिलाए अपनी टाँगे कस के बंद कर लेती है और इतना दबाव बना लेती है जिस से उन्हें यौनसुख अनुभव हो जाता है
ये काम वे सार्वजनिक स्थानों पे बिना किसी की नजर में आए कर लेती है
इस क्रिया को महिलाए बिस्तर पे सीधी या उल्टी लेट कर कुर्सी पे बैठ कर ,खद्रे रह कर या उकदू बैठ कर करती है
लेकिन वह क्रिया जिसे बिना शारीरिक समपर्क के पूरा किया जाता है इस श्रेणी में नही आती है
कभी कभी योनि के अन्दर १ या ज्यादा अंगुलिया डालकर उस हिस्से को हिलाना शुरू करती है। जिस स्थान पर जी बिन्दु या जी स्पाट होता है इसके लिए वे वाइब्रेटर,डिल्डो या बेन वा गेंदों का सहारा भी लेती है
,बहुत सी महिलाए इसके साथ साथ अपने वक्षो को भी रगड़ती है ,कुछ महिलाए गुदा को भी उत्तेजित करती है, कचु इसके लिए चिकनाई का प्रयोग करती है लेकिन बहुत सी महिलाए प्राक्रतिक चिकनाई को ही काफी समझती है
कुछ महिलाए केवल विचार और सोच मात्र कर के ही मदनोत्कर्श तक पहुँच जाती है ,
कुछ महिलाए अपनी टाँगे कस के बंद कर लेती है और इतना दबाव बना लेती है जिस से उन्हें यौनसुख अनुभव हो जाता है
ये काम वे सार्वजनिक स्थानों पे बिना किसी की नजर में आए कर लेती है
इस क्रिया को महिलाए बिस्तर पे सीधी या उल्टी लेट कर कुर्सी पे बैठ कर ,खद्रे रह कर या उकदू बैठ कर करती है
लेकिन वह क्रिया जिसे बिना शारीरिक समपर्क के पूरा किया जाता है इस श्रेणी में नही आती है
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