Saturday 9 June 2012

फोरप्ले अवश्यक क्यों है , फोरप्ले क्या होता है

पुरुष की कामेच्छा लगभग एक समान ही होती है, लेकिन पुरुष की कामेच्छा स्त्री की कामेच्छा की अपेक्षा जल्दी जागृत होती है. इसी असमानता को बराबर करने के लिये संभोग के पूर्व कुछ क्रियाएं की जाती हैं जिन्हे फोरप्ले कहा जाता है. वैज्ञानिक तौर पर भी यह सिद्ध हो चुका है कि मर्द जब स्त्री के अंग-अंग का भरपूर आनंद लेता है तभी स्त्री को परम आनंद मिलता है. पुरुष , स्त्री को प्यार करता है , सेक्स के लिए – जबकि औरत सेक्स के सहारे प्यार चाहती है. तभी तो जब मर्द उसको उत्तेजक स्पर्श करता हुआ उसके कोमल अंगो से खेलता है तो औरत इनकार नही करती बल्कि उसका प्यार पाने के लिए वो समर्पण की मुद्रा मे आ जाती है- यह उत्तेजक स्पर्श ही फोरप्ले कहलाता है- जो दोनो को संभोग की मंजिल तक ले जाता है.
फोरप्ले और उद्दीपन सफल और आनंदमय प्रेम व्यवहार के लिए आवश्यक है – अगर संभोग मुख्य भोजन है तो फोरप्ले एक स्नॅक्स की तरह है और सभी जानते है की भोजन ( संभोग) मे सबसे अधिक मुह मे पानी लानेवाला यही स्नॅक्स हो सकता है- कभी कभी तो इन्ही भूख जगानेवाली चटपटी चीज़ो से सम्पूर्ण तृप्ति पाई जा सकती है. सभी उत्तेजक स्पर्श से संभोग का मज़ा दुगना हो जाता है. फोरप्ले के दौरान सभी पाँचो इन्द्रियां ( स्पर्श-गंध-दृश्य-ध्वनि-और स्वाद ) सक्रिय रोल अदा करती है –
स्पर्श : स्पर्श का प्यार और सेक्स से गहरा रिश्ता है – थोड़ी तन से छेड़ छाड़ – तन से तन का स्पर्श ही काम की इच्छा को जागृत करता है.
सुखद सुगंध - रति कीड़ा मे , सुगंध भी एक अहम भूमिका निभाती है. प्राचीन काल मे तरह -तरह के इत्र का इस्तेमाल होता था. महकता बदन और बेडरूम में मदहोश करने वाली सुगंध से काम की इच्छा को और बढ़ा देती है.
दृश्य : मर्द की कामुक निगाहें और आंखों से कामुक इशारे – औरत को खुश करते है और औरत भी अपनी सेक्स अपील उभारने के लिए –झीनी नाइटी या उत्तेजक पोशाक का सहारा लेती है और जो जरूरी भी है के मर्द की दृष्टि पड़ते ही, काम की भावना के वशीभूत हो जाए.
ध्वनि : संवाद भी जरूरी है – कुछ मदहोश करने वाली बातें, सेक्सी जोक्स -जिसे हम कामुक भाषा कहते है यह भी बहूत जरूरी है.
अतुलनीय स्वाद : जैसे होठो का रसास्वादन – यह भी संभोग की और ले जाते है जिससे परम सुख मिलता है. वैसे तो मर्द– औरत के अंगो को चूमता है , जीभ से चाटता है

कुल मिलाकर यह सब फोरप्ले ही कहलाते है और काम की इच्छा को जगाते है और सेक्स की क्रिया को सरल व सम्पूर्ण बनाते है - क्योंकि स्त्री पुरुष को एक अद्भुत आंनद मिलता है - फोर प्ले मे जितना समय लगाएँगे –उतनी ही कामोत्तेजना आप में जागेगी – मर्द के हाथ और जीभ फोर प्ले के मुख्य उपकरण का काम करते है इन्ही के सहारे आप स्त्री के तन से उन अंगो को पहचान सकते है , जिनसे वो जल्दी उत्तजित होकर समर्पण कर दे.
फोरप्ले स्त्री के अंगो का स्पर्श करना, उन्हे छूना - सहलाना - चुंबन लेना – दुलारना - पुचकारना – सभी कुछ है- दूसरे शब्दों में -मर्द , स्त्री के कामोत्तेजक अंगो से खेलना और उसे आनंद के चरम सीमा तक पहुचा कर सेक्स के लिये राजी करना है- पुरुष के ऐसे फोरप्ले से औरत कैसे चुप रह सकती है – जब मर्द उनके होटो-गर्दन–स्तन से होते हुए संभोग क्रिया संपन्न करते है.

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