उत्तर : एक ही उपाय काफी है कि मन पर नियंत्रण रखें और विवेक से काम लेकर ऐसा कोई काम न करें जो आज नहीं तो कल हानिकारक सिद्ध हो। अच्छा स्वास्थ्य-साहित्य पढ़कर, सज्जनों और विद्वानों का सत्संग करके, शरीर शास्त्रियों तथा व्यायामाचार्यों से परामर्श करके यह रहस्य समझ लें कि हस्तमैथुन करके जो वीर्य व्यर्थ में नष्ट किया जाता है, उसका महत्व क्या है, मूल्य क्या है, उपयोग क्या है और इस तरह का अत्याचार (अति+आचार) करते हुए जब जी में आए तब वीर्यपात करते रहते का परिणाम क्या होता है, क्या हो सकता है।
अगर आप विवेकपूर्ण निर्णय ले सकते हैं और सही निर्णय पर अमल करने का मनोबल रखते हैं यानी आप मन पर विवेकपूर्ण नियंत्रण रख सकते हैं तो आप पहले यह तय कर ले कि हस्तमैथुन करना वास्तव में अप्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए हानिकर है या नहीं। यदि आपका निर्णय यह हो कि हाँ, यह अप्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तो फिर धैर्य और साहस से काम लें, संकल्प करें कि इस घृणित और हानिकारक काम को अब कदापि नहीं करेंगे।
हस्तमैथुन से बचने का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है कि कामुकता से बचना होगा, यह तभी संभव हो सकता है, जब मन पर विवेकपूर्ण नियंत्रण रखा जाए अन्यथा नहीं हो सकता। यदि आप यह निर्णय करते हैं कि हस्तमैथुन करने से कोई हानि नहीं होती तो फिर कुछ कहने की जरूरत नहीं।
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