गर्भधारण से बचने के लिये गर्भ निरोधक गोलियों को नियमित तौर पर प्रतिदिन लेना पड़ता है. गोलियां मुख्यतः आपके शारीरिक सिस्टम से २४ घंटे में बाहर आ जाती हैं और इसमें यह महत्वपूर्ण रहता है कि इसे नियमित तौर पर प्रतिदिन नियत समय पर खाना होता है. जबकि गर्भ निरोधक शॉट हर तीन महीने में दिया जाता है. यह हार्मोनल इन्जेक्शन होता है जो बांह या कूल्हों में लगाया जाता है. ज्यादातर महिलाएं जो गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं उनके पीरियड्स का चक्र 28 दिनों का हो जाता है. वहीं वे महिलाएं जो शॉट लेती है उनके पीरियड़्स तब तक के लिये रुक जाते हैं जब तक के लिये शॉट लिया गया होता है. गर्भनिरोधक गोलियां और गर्भनिरोधक शॉट दोनों के प्रयोग से हल्का वजन (1.5 से 2.5 किलो )बढ़ता है. यहां यह महत्वपूर्ण है कि आपके चिकित्सक जांच उपरांत किस गर्भ निरोधक की सलाह देते हैं. इन दोनों के प्रयोग के पहले आप चिकित्सक से तब तक प्रश्न पूछे जब तक कि आप संतुष्ट नहीं हो जाते . इनके प्रयोग के बाद भी यह ध्यान रखें कि यदि कोई संक्रमण है तो कंडोम का प्रयोग अवश्य करें .
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.