शुक्राणु जैसे ही हवा के संपर्क में, कपड़ों के संपर्क में , बिस्तर या फिर टॉयलेट सीट या किसी अन्य बाह्य शारीरिक अंगों के संपर्क में आते हैं तो अपनी गमन क्षमता (तैरने की शक्ति) खो देते हैं. यदि एक बार वीर्य सूख गया तो शुक्राणु मृत हो जाते हैं.
यदि शुक्राणु महिला के पास ही हैं लेकिन उसे कोई निषेचन द्रव्य (fertile fluid) नहीं मिलता तो वे कुछ ही घंटे में मृत हो जाएंगे फिर वे चाहे शरीर के अंदर हों या फिर बाहर .यदि शुक्राणु को महिला में निषेचन द्रव्य मिल जाता है तो वे वहां एक सप्ताह तक जीवित रहकर निषेचन के लिये अण्डाणु का इंतजार करते हैं. इस आधार पर यह कह सकते हैं कि शरीर से बाहर निकलने पर शुक्राणु कुछ घंटे ही जीवित रह सकते हैं.
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