Friday 22 June 2012

napusankta ke elaj kya kya hai नापुसकता के उपचार क्या क्या है और ये कितने प्रभाव साली है ?

napusankta ke elaj kya kya hai नापुसकता के उपचार क्या क्या है और ये कितने प्रभाव साली है ?

लिंग या मूत्र नली में दवाईयां का इंजैक्शन:-
 खड़ेपन को बनाने और बनाये रखने के लिए लिंग में सीधे दवाइयां इंजेक्शन द्वारा दी जा सकती है। हालांकि ऐसे इंजैक्शन प्रभावशाली हो सकते हैं पर उनका बहुत उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि वे बहुत पीड़ादायक होते हैं इस से लिंग में घाव भी हो सकते हैं और इस में छह घन्टे से भी अधिक लम्बे समय तक लिंग के खड़े रहने और पीड़ा देने का खतरा भी रहता है। लिंग को खड़ा करने के लिए मूत्र नली में दवा की गोली भी डाली जा सकती है। यह विधि भी अधिक लोकप्रिय नहीं है क्योंकि कई बार इससे लिंग में पीड़ा या शुक्राणुकोश में पीड़ा, मूत्रनली से हल्का रक्तस्राव, चक्कर आना और सम्भोग की साथिन की योनि में जलन जैसे प्रभाव पड़ सकते हैं।

 मशीनी वैक्युम यन्त्र :-
मशीनी वैक्युम यन्त्र द्वारा लिंग के आसपास खालीपन का दबाव बनाया जाता है जिस से वह रक्त को लिंग में खींचता है, उसे बड़ा करता है और खड़ा करता है जिससे खड़ापन आ जाता है।

परौसथीसिस यन्त्र:-
नपुंसकता से ग्रस्त बहुत से पुरूषों में खड़ापन लाने के लिए परौसथीसिस नामक  डाले जाने वाले एक यन्त्र का प्रयोग किया जाता है।

मनोवैज्ञानिक थैरेपी:-
विशेषज्ञ नपुंसकता का उपचार मनोविज्ञान आधारित तकनीक से करते हैं जिससे व्यक्ति की सम्भोग सम्बन्धी परेशानियां दूर हो जाती है। रोगी की साथी इस तकनीक को क्रियान्वित करने में मदद दे सकती है जिसमें अंतरंगता का विकास और उत्तेजक प्रेरणा भी शामिल है। जब शारीरिक नपुंसकता का उपचार होता है उस समय भी ऐसी तकनीकें चिन्ता को दूर करने में मदद देती हैं।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.